श्री कृष्ण स्तुती
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले,
वक्षस्थले कौस्तुभम ।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले,
वेणु करे कंकणम ।
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम,
कंठे च मुक्तावलि ।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते,
गोपाल चूडामणी ॥
श्रीकृष्णचन्द्र देवकीनन्दन माँ जशुमति के बाल गोपाल ।
रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।
मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।
पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।
मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।
त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।
कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।
दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।
रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।
मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।
पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।
मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।
त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।
कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।
दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।