बुधवार, 28 अगस्त 2013

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ


श्री कृष्ण स्तुती
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले,
वक्षस्थले कौस्तुभम ।
नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले,
वेणु करे कंकणम ।
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम,
कंठे च मुक्तावलि ।
गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते,
गोपाल चूडामणी ॥

श्रीकृष्णचन्द्र देवकीनन्दन माँ जशुमति के बाल गोपाल ।
रुक्मणीनाथ राधिकावल्लभ मीरा के प्रभु नटवरलाल ।।

मुरलीधर बसुदेवतनय बलरामानुज कालिय दहन ।
पाण्डवहित सुदामामीत भक्तन के दुःख दोष दलन ।।


मंगलमूरति श्यामलसूरति कंसन्तक गोवर्धनधारी ।
त्रैलोकउजागर कृपासागर गोपिनके बनवारि मुरारी ।।


कुब्जापावन दारिददावन भक्तवत्सल सुदर्शनधारी ।
दीनदयाल शरनागतपाल संतोष शरन अघ अवगुनहारी ।।






मंगलवार, 20 अगस्त 2013

रक्षा बंधन की हार्दिक बधाइयाँ



रक्षा बंधन  एक ऐसा पवित्र पर्व है, जो धर्म और वर्ग के भेद से हटकर भाई-बहन के स्नेह की अटूट डोर का प्रतीक है। बहन द्वारा भाई को राखी बांधने से दोनों के मध्य विश्वास और प्रेम का जो रिश्ता बनता है, उसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।हर लड़की किसी की बहन होती है। उसे यह विश्वास रहता है की  उसके भाई उसकी रक्षा अवश्य करेंगे। राखी का फ़र्ज़ निभाने के लिए हर लड़की की सुरक्षा करना आवश्यक है. जब समाज में हर     व्यक्ति ऐसा सोचेगा तभी हर बहन सुरक्षित होगी और लड़कियों के लिए एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो पाएगा. क्या आप मेरी बात से सहमत नहीं? क्या राखी का त्यौहार मनाने मात्र से हम अपनी बहनों को सुरक्षित रख पाएंगे?
आप सभी से मेरा इस राखी पर यही अनुरोध है कि आप रक्षाबंधन मनाएं ही नहीं निभाएं भी! रक्षाबंधन की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ!
*******

*******

 *******
*******
*******

सोमवार, 19 अगस्त 2013

हाइकू : जिन्दगी का सफर






१. 
ढूंढते रहे 
सुखो की कतरन 
उम्र गुजरी 

२. 
आशा की नाव 
जिन्दगी का सफर 
बहती नदी 

३. 
यादों के फंदे 
अनसुलझे भेद 
मिट न पाए 

४. 
नदी की धारा 
इच्छाओं का सफर 
कभी न रुके 

५. 
घना अन्धेरा 
जीवन बदरंग 
उलझे रास्ते 

६. 
भ्रमित मन 
बुनता मायाजाल 
निकले कैसे 

७. 
आशा के बीज 
जीवन की  किरण 
पुष्पित होंगे 

८. 
प्रेम व् ज्ञान 
छलके तो ही अच्छा 
मिटे अज्ञान 


कृपया शिल्पगत कमियों के तरफ ध्यान आकर्षित कराएँ-धन्यबाद   

गुरुवार, 15 अगस्त 2013

देशभक्तों नमन




जाँ पे खेला बचाया है तुमने वतन

ज़ुल्म सहते रहे गोली खाते रहे
बीच लाशों के तुम मुस्कुराते रहे
कतरे-कतरे से तुमने ये सींचा चमन
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन

साँप बनकर जो आए थे डसने हमें
कुचला पैरों से तुमने मिटाया उन्हें
कर दिया पल में ही दुश्मनों का दमन
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन

सर झुकाया नहीं सर कटाते रहे
देख बलिदान दुश्मन भी जाते रहे
माँ ने बाँधा था सर पे तुम्हारे कफ़न
आज करता हूँ मैं देशभक्तों नमन











=====================
बोलने का जोश रखते हैं
                           
खामोश रखते हैं
                                            अपने अपने अर्थों का हम
                                                                        एक शब्दकोश रखते हैं


आभार: महेश मूलचंदानी

रविवार, 11 अगस्त 2013

‘होना चाहिए’


खबरें अच्छी होनी चाहिए, ‘चटपटी’ तो हाजमोला भी होती है। ट्विटर और फेसबुक पर इन दिनों ये ‘होना चाहिए’ वाले जोक्स बहुत शेयर किए जा रहे हैं। कुछ को ये पका रहे हैं तो कुछ को हंसा रहे हैं। तो आज आप भी हंस लीजिए इन वन लाइनर्स पर जो इस समय सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग हैं।


#लड़की क्यूट होना चाहिए, ‘हॉट’ तो आलू के पराठे भी होते हैं।
#लड़की औरत होना चाहिए, ‘महिला’ तो जयवर्धने भी है।
#लड़का हैंडसम होना चाहिए, ‘स्मार्ट’ तो फोन भी होते हैं।
#लड़की हेल्दी होनी चाहिए, ‘पतली’ तो नोकिया की चार्जर की पिन भी होती है।
#मौसम रेनी होना चाहिए, ‘सन्नी’ तो लियोन भी है।
#फोन तो आईफोन होना चाहिए, ‘S1, S2...S4’ तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं।
#इंसान का दिल बड़ा होना चाहिए, ‘छोटा’ तो भीम भी है।
#व्यक्ति को समझदार होना चाहिए, ‘सेंसटिव’ तो टूथपेस्ट भी है।
#टीचर ज्यादा नंबर देने वाला होना चाहिए, ‘अंडा’ तो मुर्गी भी देती है।
#युवा राष्ट्रवादी होना चाहिए, ‘कूल’ तो नवरत्न तेल भी है।
#विकास गुजरात जैसा होना चाहिए, ‘निर्माण’ तो शौचालय का भी होता है।
#राष्ट्रपति कलाम होना चाहिए, ‘मुखर्जी’ तो रानी भी है।
#कैप्टन दादा जैसा होना चाहिए, ‘एमएस’ तो ऑफिस भी है।
#लड़की संस्कारी होनी चाहिए, ‘देसी’ तो दारु भी होती है।
#बाथरुम में हेयर ड्रायर होना चाहिए, ‘टॉवल’ तो श्रीसंत के पास भी है।
#लड़की में अक्ल होनी चाहिए, ‘सूरत’ तो गुजरात में भी है।
#मोबाइल जनरल मोड पर होना चाहिए, ‘साइलेंट’ तो मनमोहन भी हैं।
#सेब मीठा होना चाहिए, ‘लाल’ तो आडवाणी भी हैं।
#लड़का द्रविड जैसा होना चाहिए, ‘राहुल’ तो गांधी भी है।
#प्रधानमंत्री सेक्यूलर होना चाहिए, ‘मोदी’ तो सुशील भी हैं
#घूमना तो हिल स्टेशन पर चाहिए, ‘गोवा’ तो पान मसाला भी है।
#कसाब को गोली मारनी चाहिए, ‘हैंग’ तो फोन भी होता है।
#दवाई ठीक करने के लिए होना चाहिए, ‘टेबलेट’ तो सैमसंग का भी है।
#रिप्लाय ढंग का होना चाहिए, ‘हम्म’ को भैंस भी करती है।
#लड़की में एटीट्यूड होना चाहिए, ‘एंग्री’ तो बर्ड्स भी होते हैं।

आभार:IBN 

रविवार, 4 अगस्त 2013

ज़मीन पे जन्नत

कहाँ चला गया बचपन का वो समाँ यारो! 
कि जब ज़मीन पे जन्नत का था गुमाँ यारो! 

बहार-ए-रफ़्ता  को  अब ढूँढें  कहाँ  यारो! 
कि अब निगाहों में यादों की है ख़िज़ाँ यारो! 

समंदरों की तहों से निकल के जलपरियाँ 
कहाँ सुनाती है अब हमको लोरियाँ यारो! 

बुझा-बुझा -सा है अब चाँद आरज़ूओं का 
है माँद-माँद मुरादों की कहकशाँ यारो! 

उफ़क़ पे डूबते सूरज के खूँ की लाली है 
ठहर गये हैं ख़लाओं के क़ारवाँ यारो! 

भटक गये थे जो ख़ुदग़र्ज़ियों के सहरा में 
हवस ने उनको बनाया है नीम जाँ यारो! 

ग़मों के घाट उतारी गई हैं जो ख़ुशियाँ 
फ़ज़ा में उनकी चिताओं का है धुआँ यारो! 

तड़प के तोड़ गया दम हिजाब का पंछी 
झुकी है इस तरह इख़लाक़ की कमाँ यारो! 

ख़ुलूस बिकता है ईमान-ओ-सिदक़ बिकते हैं 
बड़ी अजीब है दुनिया की ये दुकाँ यारो ! 

ये ज़िन्दगी तो बहार-ओ-ख़िज़ाँ का संगम है 
ख़ुशी ही दायमी ,ग़म ही न जाविदाँ यारो ! 

क़रार अहल-ए-चमन को नसीब हो कैसे 
कि हमज़बान हैं सैयाद-ओ—बाग़बाँ यारो! 

हमारा दिल है किसी लाला ज़ार का बुलबुल 
कभी मलूल कभी है ये शादमाँ यारो ! 

क़दम-क़दम पे यहाँ अस्मतों के मक़तल हैं 
डगर-डगर पे वफ़ाओं के इम्तहाँ यारो! 

बिरह की रात सितारे तो सो गये थे मगर 
सहर को फूट के रोया था आसमाँ यारो!

चलते चलते यारों ….

सोच के बन में भटक जायें अगर जागें तो, 
क्यों न देखे हुए ख़्वाबों में ही खो कर देखें।
                                                             आभार-मनोहर शर्मा